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Anupshahr Assembly Seat: अन्य प्रमुख दलों की झोली में रही है ये सीट, सपा को इस सीट पर कभी नहीं मिली जीत

अनूपशहर विधानसभा सीट 2017 तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं जिनमें से 1952 से कांग्रेस लगातार 1962 तक तीन बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यहां से मौजूदा विधायक बीजेपी के हैं, जिनका नाम संजय शर्मा है.

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Uttar Pradesh Assembly Election 2022( Anupshahr Assembly Seat)
Uttar Pradesh Assembly Election 2022( Anupshahr Assembly Seat)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 17 में से 7 चुनाव कांग्रेस के पक्ष में रहे
  • बीजेपी को भी तीन बार मिली है जीत
  • सपा को अब तक नहीं मिली है जीत

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अनूपशहर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. अनूपशहर के नाम से इस विधानसभा क्षेत्र की संख्या 67 कहलाती है. कहा जाता है कि हरिद्वार के बाद कोई नगर गंगा किनारे बसा है तो वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनपद बुलंदशहर का तहसील मुख्यालय अनूपशहर है.

 अनूपशहर के इतिहास के बारे में बात करें तो मुगलकालीन शासक जहांगीर जब शिकार करने जंगलों में गया था तो उसे एक शेर ने घेर लिया था और जैसे ही शेर जहांगीर पर हमला करने वाला था कि अचानक अनूप नाम का एक सैनिक राजा के सामने आ गया और उसने तलवार से शेर के दो टुकड़े कर डाले और राजा जहांगीर को बचाया. जहांगीर अनूप की वीरता से प्रभावित हुआ और उसको आसपास के 84 गांव दे दिए अनूप के नाम पर अनूपशहर का नाम पड़ा.

कविवर सेनापति, कवि मघानन्द भी इसी क्षेत्र के रहने वाले थे. भृगु ऋषि ने भी यहां तपस्या की थी. भृगु आश्रम भी यहां है लेकिन विधानसभा क्षेत्र की सीमा पर है और जनपद की दूसरी विधानसभा की सीमा से सटा है. आहार व मोहरसा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे स्थान हैं जहां पर पांडवों के अज्ञातवास के दौरान रहने की अनेक किवदंती और प्रमाणित स्थान हैं. आहार के मंदिर से रुक्मणी का हरण कृष्ण भगवान ने किया था ,रुक्मणी कुंड यहाँ स्थित है. मोहरसा गांव में भगवान श्री कृष्ण ने मोहर रुक्मणी जी के सर पर बांधा था. राजा तक्षक ने भी नाग यज्ञ इसी क्षेत्र में किया था.सिखों के धर्म गुरु बाबा खड़ग सिंह का भी आश्रम इसी क्षेत्र में है. प्रतिवर्ष गंगा दशहरे का मेला यहां लगता है.

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आधुनिक अनूपशहर की बात करें तो यहां रामसर साइट भी है जिसमें डॉल्फिन का पालन किया जाता है. साथ ही देश के जाने-माने उद्योगपति जयप्रकाश गौड़ ने यहां विश्वविद्यालय की स्थापना की है. इस विश्वविद्यालय में आसपास के जनपद से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. इस विधानसभा में 186 गांव शामिल हैं. क्षेत्र के अधिकांश लोग कृषि व्यवसाय निर्भर हैं. यहां अधिकांश क्षेत्र में गन्ने की फसल होती है. यहां अन्य फसलों की भी खेती की जाती है. गंगा को निर्मल अविरल बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर लाइन का कार्य यहां किया गया है. 

राजनीतिक पृष्ठ भूमि

बुलंदशहर जनपद की अनूपशहर विधानसभा जनपद की प्राचीनतम विधानसभाओं में से एक है. यहां 2017 तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं जिनमें से 1952 से कांग्रेस लगातार 1962 तक तीन बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. 1967 में जनसंघ, 1969 में कांग्रेस, 1974 में बीकेडी, 1977 में जनता पार्टी, 1980 में कांग्रेस, 1985 में फिर कांग्रेस और 1989 में जनता दल ने जीत हासिल की थी. साल 1991 में भाजपा, 1993 भाजपा 1996 में कांग्रेस 2002 में निर्दलीय, 2007 में बसपा, 2012 में बसपा और 2017 में  भाजपा ने इस सीट पर बाजी मारी थी. 2022 के चुनाव के लोकर वर्तमान भाजपा विधायक ने और पार्टी पदाधिकारी क्षेत्र में प्रचार में जुट गए हैं. केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देकर इस सीट पर फिर से जीत की कोशिश में हैं. वहीं विपक्षी दलों ने भी कमर कस ली है.

सामाजिक ताना-बाना

जातीय समीकरण की इस क्षेत्र में बात करें तो मुस्लिम और दलित मतदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत के लगभग है. लोध राजपूत भी 22 से 25 प्रतिशत हैं, जबकि ठाकुर जाट ,ब्राहमण लगभग बराबर 30 परसेंट के आसपास हैं. शेष अन्य बिरादरी के वोटर हैं. इस सीट पर कभी किसी पार्टी या किसी प्रत्याशी का खास दबदबा नहीं रहा लेकिन 17 में से 7  चुनाव कांग्रेस के पक्ष में रहे हैं, भाजपा की बात करें तीन बार ही चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीते हैं.

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2017 का जनादेश

2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह को हराया था. गजेंद्र सिंह इस सीट पर तीसरी बार जीतकर  हैट्रिक लगाने के प्रयास में थे लेकिन उन्हें लगभग 60314 मतों से हार का सामना करना पड़ा था.  संजय शर्मा को 1 लाख 12 हज़ार 431 मत मिले तो गजेंद्र सिंह को 52 हज़ार 117 वोट ही मिले थे. समाजवादी पार्टी के हिमायत अली 48 हज़ार 610 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे.  इस सीट पर 2017 में 1 लाख 95 हज़ार 273 पुरुष मतदाता व 1 लाख 65 हज़ार 931 महिला मतदाता थे. कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 61 हज़ार 247 थी.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

वर्तमान विधायक संजय शर्मा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उनके पास एमटेक की डिग्री है. वह एलएलबी भी कर चुके हैं. वह शुरू से ही भाजपा में रहे हैं.  वह इससे पहले एमएलसी (निकाय कोटे से) का  चुनाव लड़े थे. जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. विधायक संजय शर्मा की उम्र लगभग 48 वर्ष है. विधायक संजय शर्मा का कहना है कि विधायक निधि का पूर्ण प्रयोग किया गया है और लोगों को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ दिलाया है. कुल मिलाकर 2022 का चुनाव रोमांचक होने के आसार हैं और सभी पार्टियों ने जीत के लिए अपने अपने प्रयास मतदाताओं में घुसपैठ करनी शुरू कर दी है.

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