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- The First Such Memorial Place In The Country In Jaitaran, Where Two Jain Saints Mishrimal And Roopmuni M.C. Tombstone Together
तीन करोड़ से बनकर तैयार पावनधाम:जैतारण में देश का ऐसा पहला स्मृति स्थल, जहां दो जैन संत मिश्रीमल व रूपमुनि म.सा. का समाधि स्थल एक साथ
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- लोकमान्य संत रूपमुनि महाराज की याद में बने रूपरजत पावनधाम का उद्घाटन 22 अप्रैल को
नगर में जैन धर्म के दाे महापुरुषों की समाधि स्थल है। यहां पर मरुधर केसरी पावनधाम के बाद लोकमान्य संत रूपमुनि महाराज की याद में रूपरजत पावनधाम बनाया है। तखतराज लोढ़ा, प्रदीप डागा व लूणकरण जैन ने बताया कि देश में ऐसा पहला स्मृति, जहां दो महान जैन विभूतियों के समाधि स्थल के साथ बने हैं।
इसका निर्माण श्री मरुधर केसरी स्थानक जैन यादगार समिति ट्रस्ट की देखरेख में किया गया। इसका पहले 3 अप्रैल काे उद्घाटन हाेना था, लेकिन काेराेना के कारण नहीं हाे सका। अब 22 अप्रैल काे इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस माैके पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में यहां पर श्रद्धालु पहुंचेंगे।
जैतारण में दो महान जैन विभूतियों का स्मृति स्थल
वरिष्ठ प्रवर्तक मिश्रीमल म.सा. का मरुधर केसरी पावनधाम
वरिष्ठ प्रवर्तक रूपमुनि म.सा का रूपरजत पावनधाम
3 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ स्मृति स्थल
- लगभग एक साल तीन महीने में बनकर तैयार हुआ।
- करीब 1 लाख वर्गफीट में फैला है।
- 16 पिलर पर खड़ा है रूपरजत पावनधाम स्मृति स्थल।
- पूरे पावनधाम में सफेद इटालियन मार्बल का फर्श बनाया है।
- स्मृति स्थल के चारों तरफ पार्क।
- चारों तरफ रोप लाइट।
- मुंबई के अजीत जौहर ने किया डिजायन