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मोहिउद्दीनगर बाजार भी चारों ओर पानी से घिरा

मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सभी पंचायतों में गंगा व वाया नदी के पानी ने दस्तक दे दी है।

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 12:29 AM (IST)

समस्तीपुर। मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सभी पंचायतों में गंगा व वाया नदी के पानी ने दस्तक दे दी है। लोगों पर जानमाल का खतरा मंडरा रहा है। जबकि अब तक इस बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रहेपुर व सुलतानपुर में पानी में डूबने से एक महिला व एक युवक की मौत हो गई। पूरे क्षेत्र के घरों में जहां पानी है वहीं सड़कों पर ¨जदगी ठहर सी गई है। लोग परेशान हैं और बेहाल होकर अपने किस्मत को कोसने को विवश हैं। बीते एक हप्ते से जारी बाढ़ की विभिषिका का आलम यह है कि कन्हौली के निकट सुरसर नदी पार कर उच्च विद्यालय मो. नगर में पानी का तेज बहाव हो रहा है। वहीं इसी के समीप कन्हौली जाने वाले तटबंध दरकने से कई इलाकों में पानी का प्रवेश कर गया है। तो दूसरी ओर मोहिउदीननगर मुख्य बाजार चारों ओर से पानी से घिर चुका है। गंगा का कहर दियारे के सभी गांवों में तवाही मचाने के बाद सरैसा के बलुआही, मोगलचक, हसनी, मांझा, नवादा में प्रवेश करते हुए कुरसाहा, हेमनपुर, तेतारपुर पथ को पार कर जाने से स्थिति और विकराल हो गई। अब तक प्रशासन की ओर से कई कदम नहीं उठाया गया है। सबसे विकराल स्थिति तो गंगा तटीय ईलाके की है। जहां आज भी काफी संख्या में लोग अपने-अपने घरों की छतों पर फंसे है। हालांकि एसडीआरएफ की टीम के द्वारा फंसे वाढ़ पीड़ितों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। विधान पार्षद राणा गंगेश्वर ¨सह, पूर्व मंत्री रामचन्द्र राय एवं अनुग्रह नारायाण ¨सह के गांव रासपुर पतसिया, कुरसाहा एवं सुलतानपुर में भी बाढ़ का कहर है। वाढ़ प्रभावित इलाकों में जिलाधिकारी प्रणव कुमार के निर्देश पर राहत कार्य अवश्य शुरू किया गया ¨कतु वह उंट के मुंह में जीरे के फोरन के समान प्रतीत है। हर जगह शैलाब बह रहा है तो दूसरी ओर प्रलयंकारी बाढ़ से पूरे प्रखंड के दो लाख की आबादी तबाह और विस्थापित है। जो विभिन्न तटबंधों पर शरण लिए हुए है।

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डूबने से दो की मौत के विरोध में सड़क जाम

मोहिउद्दीनगर, संस : गंगा व वाया नदी उफान पर है। मंगलवार को इस पानी में डूबने से एक युवक और एक महिला की मौत हो गई। इस घटना से अस्पताल से लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों तक कोहराम मच गया। चीख पुकार के बीच लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता का आरोप लगाकर मदुदाबाद मो. नगर पथ को शव के साथ जाम कर दिया। वहीं सुलतानपुर के लोगों ने प्रशासनिक व्यवस्था को जमकर कोसा। मंगलवार को पानी में डूबने से मौत की पहली सूचना सुलतानपुर गांव से आई जहां श्रीराम ¨सह के पुत्र अनुराग 18 की मौत चारा लाने के क्रम में पानी में डूबने से हुई। परिजनों के द्वारा पानी से बाहर निकालकर शव को अस्पताल लाया गया। जहां उसे बचाया नहीं जा सका। तो दूसरी ओर रहेपुर के कुशेश्वर राम की 35 वर्षीय पत्नी मंजु देवी की मौत पानी में डूबने से उस वक्त हो गई जब वह अपने घर के बाहर एक तटबंध पर बैठी थी। बताया गया कि समीप से गुजर रहे वाया नदी में पैर फिसल गया। जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना की सूचना प्रशासन को दी गई। इसके बावजूद कोई भी पदाधिकारी घटनास्थल की ओर नहीं पहुंचे जिससे पीड़ितों का आक्रोश भड़क गया। वस क्या था शव के साथ प्रखंड कार्यालय के समीप से गुजरने वाली मो. नगर पथ पर शव के साथ जाम कर यातायात अवरुद्ध कर दिया। रहेपुर के लोगों का आरोप था घटना के कई घंटे बाद भी कोई भी पदाधिकारी सुधि लेने नहीं आए। थानाध्यक्ष असगर इमाम के समझाने बुझाने के बाद सड़क जाम समाप्त हुआ। जहां दो शवों को अलग अलग अंत्यपरीक्षण हेतु सदर अस्पताल भेजा गया।

राहत कार्य चलाने की उठी मांग

पूरे क्षेत्रों में बाढ़ के प्रकोप से लोग परेशान है। सरकारी स्तर पर जो राहत कार्य चलाए जा रहे है वह काफी नहीं है। तो दूसरी ओर भोजन पानी, दवा शौचालय सबकी समस्या सुरसा की तरह मुंह बाएं खड़ी है। सरकारी स्तर पर चलाए जा रहे भोजन शिविर उंट के मुंह में जीरा के फोरन के समान प्रतीत हो रही है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर एक सौ से अधिक चलाए जाने की बात हो रही है। ¨कतु नाव का दर्शन कहीं कहीं ही हो पाता है। बताया जाता है कि एक तो दावे के हिसाव से नाव की व्यवस्था नहीं कि गई है। जहां जिसकी बनी वहीं नाव पर लोग कब्जा जमा रहे है। बाढ़ पीड़ितों का बताना है कि कई कई दिनों से उसने भोजन नहीं किया है। सरकारी स्तर पर राहत नहीं चलाया जा रहा है। ऐसी स्थिति से बाढ़ पीड़ितों का आक्रोश गरम हो रहा

है।

कहीं चिकित्सा शिविर भी नहीं

बाढ़ की त्रासदी के वावजूद कहीं भी चिकित्सा शिविर की व्यवस्था नहीं की गई है। अस्पतालों में दवा का अभाव है। काफी संख्या में लोग बीमार है। जिसके लिए दवा की कोई व्यवस्था सरकारी स्तर पर नहीं की गई है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ सी गई है। तटबंधों पर बसे लोग तो किसी प्रकार दवा की व्यवस्था कर रहे है ¨कतु गंगा के पानी में गांवों में फंसे लोगों की ये एक अलग मुसीबत है। चिकित्सा पदाधिकारी गणेश शंकर ¨सह का बताना है कि जगह जगह चिकित्सा शिविर लगाई जा रही है। जिसमें कई चिकित्सकों के आलावे दवा की भरपुर व्यवस्था की गई है।

स्कूलों में कर दी गई छुटी

बाढ से होने वाली जानमाल की खतरा को देखते हुए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर स्कूलों में मंगलवार से अवकाश दे दिया गया। जिस कारण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों एवं कॉलेजों मे मंगलवार से पठन-पाठन ठप है। स्थिति यह है कि काफी संख्या में स्कूल पानी में डूब चुके हैं। तो दूसरी ओर बचे विद्यालयों में बाढ़ पीड़ितों का आशियाना बना है।


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